टैगोर इंटरनेशनल स्कूल वसंत विहार
कक्षा -दसवीं
HINDI ASSIGNMENT SOLVED QUESTIONS ANSWERS
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All general knowledge point NCERT Questions and answers |
निम्नलिखित गद्यांश को पढकर दिए गए बहुविकल्पीय प्रश्नों के उचित उत्तर छाँटकर लिखिए- (5 अंक)
जो लोग अपनी असफलताओं के लिए या जीवन में गतिरोध के लिए हालातों को ज़िम्मेदार ठहराते हैं , वे या तो गलत हैं या हालात से डरते हैं , वे या तो जीवन को समझ नहीं पाए या उलझनों में फँसे हुए हैं , वे या तो आलसी हैं या अकर्मण्य हैं । एक कारण और भी हो सकता है कि उनकी नीयत और नीति में मेल न हो । यह अति आवश्यक है कि नीयत और नीति दोनों एक सूत्र में पिरोई हुई हों अर्थात मेल खाती हों । ऐसा कदापि संभव नहीं है कि दोनों में अंतर आने पर व्यक्ति सफलता प्राप्त कर सके ।नीति एक पथ है , जिसपर चलकर व्यक्ति अपने किसी प्रयोजन को पूर्ण करता है और नीयत मानसिक इच्छा है , जो खोटी भी हो सकती है और खरी भी । खोटी नीयत वाला व्यक्ति कदापि इस संसार में नहीं टिक सकता और यदि टिकेगा , तो बहुत कम समय के लिए ; केवल तब तक , जब तक उसकी नीयत खुलकर सामने नहीं आती क्योंकि नीति की जननी नीयत है और जब जननी में ही दोष है , तो संतान में कोई न कोई विकृति अवश्य आ जाएगी । ऐसे में वह मनुष्य गलत नीयत व नीति के कारण पतन का भागी होगा । हालातों को असफलता के लिए ज़िम्मेदार ठहराना ठीक नहीं लगता क्योंकि हालात तो उनके साथ भी वही होते हैं , जो सफलता प्राप्त करते हैं । यदि कोई व्यक्ति अपनी असफलता की ज़िम्मेदारी खुद नहीं ले सकता , तो वह अपनी सफलता की ज़िम्मेदारी लेने के काबिल नहीं है । जीवन का असली आनंद तो तभी है , जब परिस्थितियाँ विषम हो ।
प्रश्न 1- खोटी नीयत वाला व्यक्ति इस संसार में क्यों नहीं टिक सकता ?
क- क्योंकि नीति की जननी नीयत है और जब जननी में ही दोष है , तो संतान में कोई न कोई विकृति अवश्य आ जाएगी ।
ख- क्योंकि उनकी नीयत और नीति में मेल नहीं होता ।
ग- क्योंकि नीति एक पथ है , जिसपर चलकर व्यक्ति अपने किसी प्रयोजन को पूर्ण करता है ।
घ- क्योंकि नीयत एक मानसिक इच्छा है , जो खोटी भी हो सकती है और खरी भी ।
उत्तर- (क) क्योंकि नीति की जननी नीयत है और जब जननी में ही दोष है , तो संतान में कोई न कोई विकृति अवश्य आ जाएगी ।
प्रश्न ख- किस तरह के लोगों की नीयत और नीति में मेल नहीं होता ?
क- जो लोग मुसीबतों को देखकर छुप कर बैठ जाते हैं ।
ख- जो लोग अपनी असफलताओं के लिए या जीवन में गतिरोध के लिए हालातों को ज़िम्मेदार ठहराते हैं ।
ग- जो मेहनत की कमाई नहीं खाते ।
घ - जो संसार में पाप के भागी होते हैं ।
उत्तर : (ख ) जो लोग अपनी असफलताओं के लिए या जीवन में गतिरोध के लिए हालातों को ज़िम्मेदार ठहराते हैं ।
प्रश्न ग- हालातों को असफलता के लिए ज़िम्मेदार ठहराना ठीक क्यों नहीं है ?
क- क्योंकि असफलता का मुँह प्रत्येक व्यक्ति को देखना पड़ता है ।
ख- क्योंकि जो व्यक्ति असफलता की ज़िम्मेदारी खुद नहीं ले सकता , तो वह अपनी सफलता की ज़िम्मेदारी लेने के काबिल नहीं है ।
ग- इससे उनकी अकर्मण्यता तथा आलस दिखता है ।
घ- क्योंकि हालात तो उनके साथ भी वही होते हैं , जो सफलता प्राप्त करते हैं ।
उत्तर : (घ) क्योंकि हालात तो उनके साथ भी वही होते हैं , जो सफलता प्राप्त करते हैं ।
प्रश्न घ- ' विकृति ' तथा ' प्रयोजन ' शब्द में प्रयुक्त उचित उपसर्ग व मूल शब्द छाँटकर लिखिए ।
विकृति
क - विक ऋति
ख - वि कृति
ग - विक्र ति
घ- वइ कृति
उत्तर: (ख ) वि कृति
प्रयोजन
क - प्र योजन
ख- पर योजन
ग - पर योजन
घ- प्रयो जन
उत्तर: प्र योजना
प्रश्न2- वाक्य पहचानकर उसका भेद लिखिए
क - जैसा करोगे वैसा भरोगे
ख - घायल सैनिक शस्त्र उठाकर लडने लगा ।
ग- छात्र शिक्षक के यहाँ जाता है और हिंदी पढता है ।
उत्तर: (क ) रीतिवाची
(ख ) सरल वाक्य
(ग ) संयुक्त वाक्य
प्रश्न 3- निम्नलिखित रिक्तस्थानों को उचित मुहावरे द्वारा पूर्ण कीजिए -
क - पुलिस की मार से अच्छे - अच्छे के ______ आ जाते हैं ।
उत्तर: होश ठिकाने
प्रश्न- निम्नलिखित मुहावरों को वाक्य में इस प्रकार प्रयोग करें कि उनका अर्थ भी स्पष्ट हो जाए । अंक
क - प्राण सूखना
ख - हिम्मत टूटना
ग- आडे हाथों लेना
घ - ज़मीन पर पाँव न रखना
उत्तर: (क) प्राण सूख जाना
अर्थ - बुरी तरह से डर जाना
वाक्य - सुनील जंगल के रास्ते अपने घर जा रहा था रास्ते मे शेर को अपने सामने देख कर उसके प्राण सूख गए ।
क- क्योंकि असफलता का मुँह प्रत्येक व्यक्ति को देखना पड़ता है ।
ख- क्योंकि जो व्यक्ति असफलता की ज़िम्मेदारी खुद नहीं ले सकता , तो वह अपनी सफलता की ज़िम्मेदारी लेने के काबिल नहीं है ।
ग- इससे उनकी अकर्मण्यता तथा आलस दिखता है ।
घ- क्योंकि हालात तो उनके साथ भी वही होते हैं , जो सफलता प्राप्त करते हैं ।
उत्तर : (घ) क्योंकि हालात तो उनके साथ भी वही होते हैं , जो सफलता प्राप्त करते हैं ।
प्रश्न घ- ' विकृति ' तथा ' प्रयोजन ' शब्द में प्रयुक्त उचित उपसर्ग व मूल शब्द छाँटकर लिखिए ।
विकृति
क - विक ऋति
ख - वि कृति
ग - विक्र ति
घ- वइ कृति
उत्तर: (ख ) वि कृति
प्रयोजन
क - प्र योजन
ख- पर योजन
ग - पर योजन
घ- प्रयो जन
उत्तर: प्र योजना
खंड ख (व्यावहारिक व्याकरण)
क - जैसा करोगे वैसा भरोगे
ख - घायल सैनिक शस्त्र उठाकर लडने लगा ।
ग- छात्र शिक्षक के यहाँ जाता है और हिंदी पढता है ।
उत्तर: (क ) रीतिवाची
(ख ) सरल वाक्य
(ग ) संयुक्त वाक्य
प्रश्न 3- निम्नलिखित रिक्तस्थानों को उचित मुहावरे द्वारा पूर्ण कीजिए -
क - पुलिस की मार से अच्छे - अच्छे के ______ आ जाते हैं ।
उत्तर: होश ठिकाने
प्रश्न- निम्नलिखित मुहावरों को वाक्य में इस प्रकार प्रयोग करें कि उनका अर्थ भी स्पष्ट हो जाए । अंक
क - प्राण सूखना
ख - हिम्मत टूटना
ग- आडे हाथों लेना
घ - ज़मीन पर पाँव न रखना
उत्तर: (क) प्राण सूख जाना
अर्थ - बुरी तरह से डर जाना
वाक्य - सुनील जंगल के रास्ते अपने घर जा रहा था रास्ते मे शेर को अपने सामने देख कर उसके प्राण सूख गए ।
(ख) हिम्मत टूटना
अर्थ - उत्साह भंग होना
वाक्य-जब हमारी हिम्मत टूट जाती है, तब हम किसका सहारा ले सकते हैं?
(ग) आडे हाथों लेना -
अर्थ- अवसर पाकर खरी-खोटी सुनाना।
वाक्य - मिर्जा ने मुझे आड़े हाथों लिया और बोले, अक्ल के नाख़ून लो यह भी कोई मौसम है।
वाक्य - मिर्जा ने मुझे आड़े हाथों लिया और बोले, अक्ल के नाख़ून लो यह भी कोई मौसम है।
(घ) ज़मीन पर पाँव न रखना
अर्थ- ऐंठ या शेखी दिखलाना।
वाक्य - शर्मा जी के लड़के का पीसीएस में नम्बर क्या आया, अब तो वे ज़मीन पर पैर रख ही नहीं रहे।
प्रश्न- निम्नलिखित वाक्यों को सरल वाक्य में बदलिए
क - मैंने एक लाल गुलाब देखा जो बहुत खुशबूदार था ।
ख - कुत्ते भौंकने लगे तब चोर भाग गए ।
उत्तर:क मैंने एक लाल खुशबूदार गुलाब देखा।
ख कुत्तों के भौंकने पर चोर भाग गए।
खंड ग पाठयपुस्तक
क - तताँरा की तलवार में दैवीय शक्ति थी ।
ख - तताँरा की कमर में एक तलवार बंधी रहती थी ।
ग - क्रोध में उसका हाथ तलवार की मूठ पर जा टिका ।
घ- तलवार का उपयोग वह दूसरों के सामने न करता था ।
ड - शक्ति भर उसने तलवार को ज़मीन में घोंप दिया ।
च - क्रोध लगातार अग्नि की तरह बढ रहा था ।
उत्तर: सही क्रम
ख - तताँरा की कमर में एक तलवार बंधी रहती थी ।
क - तताँरा की तलवार में दैवीय शक्ति थी ।
घ- तलवार का उपयोग वह दूसरों के सामने न करता था ।
च - क्रोध लगातार अग्नि की तरह बढ रहा था ।
ग - क्रोध में उसका हाथ तलवार की मूठ पर जा टिका ।
ड - शक्ति भर उसने तलवार को ज़मीन में घोंप दिया ।
मोर मुगट पीतांबर सोहे , गल वैजंती माला ।
बिंदरावन में धेनु चरावे , मोहन मुरली वाला
मीरा के पद भावार्थ : प्रस्तुत पंक्तियों में मीरा बाई ने श्री कृष्ण के रूप-सौंदर्य का बड़ा ही मोहक वर्णन किया है। मीरा कहती हैं कि श्री कृष्ण जब हरे वस्त्र पहनकर, मोर-मुकुट धारण किये हुए, गले में वैजन्ती माला पहने और हाथों में बाँसुरी लेकर वृन्दावन में गाय चराते हैं, तो उनका रूप सभी का मन मोह लेता है।
1- ' मोर मुगट ' शब्द का तात्पर्य है
क - मोर जैसा मुकुट
ख - मोर पंख
ग- मोर पंख युक्त मुकुट
घ - उपरोक्त सभी
उत्तर: (घ ) उपरोक्त सभी
2- काव्यांश में अंबर का पर्यायवाची है
क - कुसुम
ख- वस्त्र
ग- आकाश
घ- घन
उत्तर:ग- आकाश
क- कृष्ण के गले में वैजंती माला सुशोभित हो रही है ।
ख- मोर मुकुट के साथ कृष्ण के गले में मोतियों की माला सुशोभित हो रही है ।
ग - पीले वस्त्र , मोर जैसे मुकुट में , जंगली फूलों की माला में कृष्ण बहुत सुंदर लग रहे हैं ।
घ- पीले वस्त्र , मोर पंख के समान मुकुट , जंगली फूलों की वैजंती माला में कृष्ण बहुत सुंदर लग रहे हैं ।
उत्तर: सही वाक्य क- कृष्ण के गले में वैजंती माला सुशोभित हो रही है ।
प्रश्न8- निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 30-40 शब्दों में दीजिए
क - मीरा श्याम की चाकरी क्यों करना चाहती हैं ? स्पष्ट कीजिए ।
क - दूसरे पद में मीराबाई श्याम की चाकरी करना चाहती है क्योंकि इससे वे अपने ईश्वर की सेवा के साथ-साथ उनके दर्शन व भक्तिभाव का लाभ भी सतत प्राप्त करते रहेंगी। मीरा श्री कृष्ण को सर्वस्व समर्पित कर चुकी हैं इसलिए वे केवल कृष्ण के लिए ही कार्य करना चाहती हैं। श्री कृष्ण की समीपता व दर्शन हेतु उनकी दासी बनना चाहती हैं। वे चाहती हैं दासी बनकर श्री कृष्ण के लिए बाग लगाएँ उन्हें वहाँ विहार करते हुए देखकर दर्शन सुख प्राप्त करें। वृंदावन की कुंज गलियों में उनकी लीलाओं का गुणगान करना चाहती हैं। इस प्रकार दासी के रूप में दर्शन, नाम स्मरण और भाव-भक्ति रूपी जागीर प्राप्त कर अपना जीवन सफल बनाना चाहती हैं!
ख - मीरा कृष्ण को पाने के लिए क्या - क्या कार्य करने के लिए तैयार हैं ?
उत्तर-मीरा श्रीकृष्ण को पाने के लिए उनकी चाकर (नौकर) बनकर चाकरी करना चाहती हैं अर्थात् उनकी सेवा करना चाहती हैं। वे उनके लिए बाग लगाकर माली बनने तथा अर्धरात्रि में यमुना-तट पर कृष्ण से मिलने व वृंदावन की कुंज-गलियों में घूम-घूमकर गोविंद की लीला का गुणगान करने को तैयार हैं।
ग - लोग तताँरा के करीब क्यों रहना चाहते थे ?
ग - तताँरा से निकोबारी बेहद प्रेम करते थे । वह एक नेक और मददगार व्यक्ति था । सदैव दूसरों की सहायता के लिए तत्पर रहता । अपने गाँववालों को ही नहीं , अपितु समूचे द्वीपवासियों की सेवा करना अपना परम कर्तव्य समझता था । उसके इस त्याग की वजह से वह चर्चित था । सभी उसका आदर करते और वक्त मुसीबत में उसे स्मरण करते और वह भागा - भागा वहाँ पहुँच जाता । दूसरे गाँवों में भी पर्व - त्योहारों के समय उसे विशेष रूप से आमंत्रित किया जाता । उसका व्यक्तित्व तो आकर्षक था ही , साथ ही आत्मीय स्वभाव की वजह से लोग उसके करीब रहना चाहते ।
प्रश्न 9- तताँरा - वामीरो कथा क्या संदेश देती है ? 60-70 शब्दों में लिखिए ।
उत्तर-तताँरा-वामीरो कथा मानवीय संबंधों को स्थापित करनेवाली रोचक प्रेमकथा है । यह एकता तथा आत्मीयता का सन्देश देती है । प्रेम सबको जोड़ता है और घृणा दूरी बढ़ाती है , इससे भला कौन इनकार कर सकता है । इसीलिए जो समाज के लिए अपने प्रेम का , ]अपने जीवन तक का बलिदान करता है , समाज उसे न केवल याद रखता है बल्कि उसके बलिदान को व्यर्थ नहीं जाने देता ।सीमाओं अथवा सरहदें मनुष्य के दिलों को नहीं बाँट सकता । प्रेम ही सत्य है । किसी भी मनुष्य का दूसरे मनुष्य से प्यार होना स्वाभाविक है । प्रेम को बाँटनेवाली भावना विनाश का कारण बन सकती है । अतः व्यर्थ की रूढ़ियों को अपने हृदय पर राज न करने दे क्यूंकि ऐसे कृत्य किसी भयानक परिणाम में परिवर्तित हो सकते है ।यही वजह है कि तत्कालीन समाज के सामने एक मिसाल कायम करने वाले इस युगल को आज भी उस द्वीप के निवासी गर्व और श्रद्धा के साथ याद करते हैं ।
खंड घ लेखन
प्रश्न - 11- कोरोना से बचाव संबंधी विज्ञापन लगभग 25-50 शब्दों में लिखिए ।
उत्तर: हाथों को बार - बार साबुन और पानी से धोएँ या सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें! खांसते और छींकते वक्त डिस्पोजेबल टिशू का इस्तेमाल करें! इस्तेमाल किए गए टिशूज को फेंक दें ( इसके बाद हाथ धो लें )! टिशू नहीं है तो ठीकते और खांसते वक्त अपने बाजू का इस्तेमाल करें! बिना हाथ धोए अपनी आखों , और मुह को न छुए! जो बीमार है उनके संपर्क में न आने की पूरी कोशिश करे!