Hindi class 10 2023-2024 previous year question with answers
सामान्य निर्देश :
निम्नलिखित निर्देशों को बहुत सावधानी से पढ़िए और उनका सख्ती से अनुपालन कीजिए:
(i) इस प्रश्न-पत्र में कुल 17 प्रश्न हैं। सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
(ii) इस प्रश्न-पत्र में दो खंड हैं- खंड-'अ' और खंड-'ब'। खंड- 'अ' में बहुविकल्पी / वस्तुपरक और खंड- 'ब' में वर्णनात्मक प्रश्न दिए गए हैं।
(iii) खंड 'अ' में कुल 10 प्रश्न हैं, जिनमें उपप्रश्नों की संख्या 49 है। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए 40 उपप्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
(iv) खंड-'ब' में कुल 7 प्रश्न हैं। सभी प्रश्नों के साथ उनके विकल्प भी दिए गए हैं। निर्देशानुसार विकल्प का ध्यान रखते हुए सभी प्रश्नों के उत्तर लिखिए।
(1) प्रश्नों के उत्तर दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए लिखिए ।
(vi) यथासंभव सभी प्रश्नों के उत्तर क्रमानुसार लिखिए।
खंड - 'अ'
(बहुविकल्पी / वस्तुपरक प्रश्न)
निम्नलिखित गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पी प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प. 5×1=5 चुनकर लिखिए :
काम या पेशा खुद बुरा या छोटा-बड़ा नहीं है। कोई भी काम हो जो ईमानदारी से किया जाए और उचित लाभ के अतिरिक्त यदि एक पैसा भी बेईमानी का उसमें नहीं आया तो वह सर्वथा प्रतिष्ठित और सराहना के योग्य है। छोटे से छोटा काम भी यदि ईमानदारी के साथ किया जाए तो कभी बुरा नहीं होता। किसी ऊँची बात को लक्ष्य कर किया गया मेहनत का काम जो अपनी ईमानदारी में बट्टा न लगाता हो बुरा नहीं है। जो लेन-देन में पवित्र और शुचि है, नीतिशास्त्रों ने उसी को पवित्र माना है।
हाथ-पाँव आदि अंग जल से शुद्ध और साफ होते हैं पर मन केवल सत्य से शुद्ध होता है। मन जिसका दृढ़ है और डिगा नहीं वही अपनी गाढ़ी मेहनत की कौड़ी को अपनी करके मानेगा । बेईमानी से अनुचित लाभ का सोना भी है, तो वह मिट्टी का ढेला मानता है। गाढ़ी मेहनत, ईमानदारी और मुस्तैदी ये तीन बातें रोजगारी / सफलता के लिए बहुत आवश्यक हैं। बहुधा लोग अपनी बदकिस्मती के लिए रोते हैं और पछताते हैं, पर सच पूछो तो बदकिस्मती से उनका इतना नहीं बिगडा जितना उनके आलस्य, बेपरवाही और जी लगा के मेहनत न करने से। कहावत है - भूकता हुआ कुत्ता ज्यादा काम का है, सोते हुए सिंह की अपेक्षा। वास्तव में जो ईमानदार हैं वे अपने जितने काम हैं सबमें स्वच्छता और स्पष्टता रखने में नहीं चूकते और समाज में सभी के विश्वास-पात्र होते हैं।
(i) कोई भी रोजगार और पेशा कब प्रतिष्ठित और सराहना के योग्य हो जाता है ?
(a) जब वह पूरी ईमानदारी के साथ किया जाए।
(b) जब वह पूरी मेहनत और लगन के साथ किया जाए ।
(c) जब समाज का धनाढ्य वर्ग उससे जुड़ा हो ।
(d) जब किसी रोजगार से आर्थिक लाभ अधिक हो ।
(ii) 'काम या पेशा खुद बुरा नहीं है' इसका क्या अभिप्राय है ?
(a) काम अच्छा-बुरा नहीं होता, उसे करने वाले अच्छे-बुरे होते हैं।
(b) काम अच्छा-बुरा नहीं होता, लोग बेईमानी से उसे बुरा बना देते हैं।
(c) काम तब तक बुरा नहीं जब तक उसमें आर्थिक लाभ हो रहा हो ।
(d) काम तब तक बुरा नहीं जब तक वह परिश्रम से किया जाए ।
(iii) हाथ-पाँव की पवित्रता का संबंध यदि जल से है तो मन की पवित्रता का संबंध है -
(a) ईमानदारी से
(c) गाढ़ी मेहनत से
(b) गंगाजल से
(d) सत्य से
(iv) कैसे व्यक्ति बेईमानी से प्राप्त मूल्यवान वस्तु को भी मिट्टी सदृश मानते हैं ?
(a) दृढ़चित्त
(c) सत्यनिष्ठ
(b) दृढ़ निश्चयी
(d) पबित्र हृदय
(v) 'भूकता हुआ कुत्ता ज्यादा काम का है, सोते हुए सिंह की अपेक्षा' कहावत का अर्थ है - 1
(a) सोते हुए शेर से जागा हुआ कुत्ता श्रेयस्कर है।
(b) सोते हुए शेर से भौंकने वाला कुत्ता श्रेयस्कर है।
(c) सोये हुए योग्य व्यक्ति से जागा हुआ अयोग्य व्यक्ति श्रेयस्कर है।
(d) सोये हुए योग्य व्यक्ति से धीमी गति से काम करने वाला व्यक्ति श्रेयस्कर है।
2. निम्नलिखित दो काव्यांशों में से किसी एक काव्यांश पर आधारित बहुविकल्पी प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए :
काव्यांश एक
पारिख के घर में नीम का पेड़ था
छितराई हरियाली अहाते को लगभग घेरे हुए
घर गली से ही पहचाना जाता था
नीम के नीचे पारिख की चारपाई बिछती थी
चारपाई पर पारिख के अलावा
किताबें भी बैठतीं सुस्तातीं
नीम कभी बोलकर कभी चुपके से सूखे पत्ते गिराता था
पत्तों में अटका होता था उसका बचपन
हवा के साथ की गई शरारतें
एक दिन नहीं रहा वह नीम का पेड़
वहाँ आ गई रोड़ी और रेत
आ गईं ईंटें और सीमेंट वहाँ बन गया एक घेरा छह बाई आठ फट का
सजाई गई जिसमें चार कुर्सियाँ और एक मेज़
कुर्सियों पर पारिख मेज पर किताबें.
पारिख का मन अब कहीं नहीं जाता
घूमता है उसी छह बाई आठ में
उसके चेहरे पर एक परछाईं डोलती है
फीकी लाचार-सी
किताबें देखती हैं उनकी आँखों में दुख झलकता है
पारिख के घर का पता अब लोग
गली में आने-जाने वालों से पूछते हैं।
(1) इस काव्यांश के केंद्रीय भाव हेतु दिए गए कथनों में सबसे सटीक विकल्प चुनिए -
कथन:-
(क) पेड़-पौधों की जगह आधुनिक जीवन में नहीं बची।
(ख) पेड़-पौधे काटकर मकानों का निर्माण आज की सच्चाई है।
(ग) भले ही जरूरतवश हम पेड़ों को काट दें लेकिन उनकी कमी हमेशा खलती है।
(घ) कुर्सी और मेज़ जिंदा पेड़ से ज्यादा जरूरी है।
विकल्प :
(a) केवल कथन (ग) सही है।
(b) कथन (ख) और (ग) सही हैं।
(c) कथन (क), (ख) और (ग) सही हैं।
(d) कथन (ख), (ग) और (घ) सही हैं।
(ii) 'घर गली से ही पहचाना जाता था' का आशय है -
(a) गली में उसके घर को पहचान के रूप में जाना जाता था ।
(b) गली में उसका घर जाना-पहचाना लगता था ।
(c) पेड़ के कारण उसके घर को दूर से ही पहचान लिया जाता था ।
(d) गली में उसके घर को पहचानने वाले रहते थे।
(iii) नीम के पेड़ की जगह किसने ले ली ?
(b) ईंटों और सीमेंट ने
(a) रोड़ी और रेत ने
(c) छह बाई आठ फुट के कमरे ने
d) चार कुर्सियों और मेज ने
(iv) 'पारिख का मन अब कहीं नहीं जाता' पंक्ति का आशय है -
(a) पारिख को नीम के पेड़ की याद आती
(b) बंद कमरे में पारिख को घुटन होती
(c) अब किताबें पढ़ने में पारिख का मन नहीं लगता
(d) पेड़ के साथ पारिख का बचपन भी खो गया
(v) इस काव्यांश से हम सीख सकते हैं -
(a) पेड़ों की जगह का इस्तेमाल, किताबों से प्रेम, सपने देखना ।
(b) पेड़ों से प्रेम, किताबों को सजाना, जगह का उचित इस्तेमाल
(c) बचपन के बारे में लिखना, पेड़ों के गिर्द घूमना, किताबें पढ़ना
(d) पेड़ों से प्रेम, किताबों की संगति, प्रकृति का संरक्षण
अथवा
काव्यांश दो
उन्होंने बनाए बहुत नीले आसमान
फिर सूरज, चाँद और सितारों को
अलग-अलग जगह रखा
पेड़ इतने हरे बनाए उन्होंने
जितना हरा उन्हें होना चाहिए
या जितने हरे रहे होंगे वे
कभी हमारी धरती पर
फिर पहाड़ों, नदियों और झरनों को
उन्होंने अलग-अलग जगह रखा
उन्होंने मकान, सड़कें और पुल भी बनाए
जिन्हें ईश्वर ने भी नहीं बनाया था कभी
फिर उन्होंने बनाई बसें, स्कूटर और कारें
साइकिल चलाते और पैदल चलते
लोग भी बनाए उन्होंने
चीज़ों को बनाते चले जाने के उत्साह में
इतना ज़्यादा भर गया चित्र
कि गेंद को रखने की कोई जगह ही
नहीं बची चित्र में
तब समझ आया उन्हें
कि बड़ों ने कैसी-कैसी गलतियाँ की हैं
इस दुनिया को बनाने में !
i ) काव्यांश की पंक्ति उन्होंने बनाए' में 'उन्होंने' शब्द से कवि का संकेत किस ओर है ?
(a) चित्रकारों ने
(c) कलाकारों ने
(b) बच्चों ने
(d) विद्यार्थियों ने
(ii) पेड इतने हरे बनाए उन्होंने जितना हरा उन्हें होना चाहिए
कथन का अभिप्राय है-
(A) सामान्यतः प्रकृति में पेड़ों को हरा ही होना चाहिए।
(b) प्रकृति में संतुलन बना रहने पर पेड़ खूच हरे रहते हैं।
(c) मनुष्य द्वारा पर्यावरण में छेड़छाड़ किए जाने पर पेड़ों का हरापन नष्ट होता है।
(d) चित्रों में पेड़ अपने वास्तविक हरेपन के साथ है।
(iii) गेंद रखने की जगह क्यों नहीं बची ?
(a) आसमान, सूरज, चाँद, झरनों में गेंद ठीक नहीं लगती।
(b) मकानों, सड़कों और गाड़ियों की भीड़-भाड़ में गेंद खो जाती ।
(c) उत्साह में बनाए जाने पर चित्र बहुत भर गया और उसमें जगह नहीं थी।
(d) उत्साह में बनाते जाने की जल्दी में उनसे गलती हो गई।
(iv) कवि के अनुसार इस दुनिया को किसने बनाया है ?
(a) ईश्वर
(c) प्रकृति
(b) मनुष्य
(d) धरती
(v) 'बड़ों ने दुनिया को बनाने में गलतियाँ कर दीं' - इसका आशय है -
(a) बड़े भी गलती कर-कर के सीखते हैं।
(b) बड़ों ने दुनिया से स्वाभाविकता और बचपना नष्ट कर दिया। (c) बड़ों की दुनिया स्वार्थ और ईष्र्याजन्य स्पर्धा से भरी है।
(d) बड़ों ने अपनी स्वार्थपूर्ति हेतु बच्चों के लिए खेल के मैदान भी नहीं छोड़े।
3. रचना के आधार पर बाक्य-भेद' पर आधारित पाँच बहुविकल्पी प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर निर्देशानुसार चुनकर लिखिए -4x1=4
(i) न तो तुमने फिल्म ही देखी, न ही नाटक देख सके। इस वाक्य का सरल वाक्य होगा - 1
(a) तुमने फिल्म भी नहीं देखी, नाटक भी नहीं देख सके।
(b) तुमने फिल्म देखना और नाटक देखना दोनों ही काम नहीं किया।
(c) तुम फिल्म और नाटक दोनों ही नहीं देख सके।
(d) यदयपि तुम फिल्म और नाटक दोनों देख सकते फिर भी तुमने नहीं देखे
(ii) सड़क पर धक्का लगने से वह गिर पड़ा। प्रस्तुत वाक्य का मिश्र वाक्य होगा -
(a) वह सड़क पर जा रहा था इसलिए धक्का लगने से गिर पड़ा ।
(b) वह गिर पड़ा क्योंकि उसे धक्का लगा ।
(c) जैसे ही उसे सड़क पर धक्का लगा वैसे ही वह गिर पड़ा।
(d) उसने सड़क पर धक्का खाया और गिर पड़ा ।
(iii) 'जब सोहम सोकर उठा तब सुबह हो गई थी।' प्रस्तुत वाक्य का संयुक्त वाक्य होगा - -
(a) सोहम के सोकर उठने पर सुबह हो चुकी थी ।
(b) सुबह होने पर सोहम सोकर उठा ।
(c) सुबह हो गई थी इसलिए सोहम सोकर उठा।
(d) सुबह होने की देर थी, सोहम उठ गया ।
(iv) स्तंभ I और स्तंभ II को सुमेलित करके सही विकल्प चुनकर लिखिए -
स्तंभ - 1. स्तंभ - II
(I) सरल वाक्य. (अ) जो कमाएगा वही खाएगा ।
(II) मिश्र वाक्य. (ब) वह कमाएगा और खाएगा ।
(III) संयुक्त वाक्य (स) कमाने वाला ही खाएगा ।
a) (I) - अ; (II) - ब; (III) - स
(b) (1) ब; (II) - अ; (III) - स
(c) (I) - ब; (II) - स; (III) अ
(d)(I) स; (II) - अ; (III) - ब
(v) निम्नलिखित वाक्यों में सरल वाक्य पहचानकर नीचे दिए सबसे सही विकल्प को चुनकर लिखिए।
(क) पक्का महल से मलाई बरफ़ बेचने वाले जा चुके हैं।
(ख) मालिक से यही दुआ है कि फटा सुर न बख्शे ।
(ग) बिस्मिल्ला खाँ का संसार सुरीला होना शुरू हुआ ।
(घ) रसूलन और बतूलन के गाने पर अमीरुद्दीन को खुशी मिलती थी ।
विकल्प :
(a) केवल कथन (ख) सरल वाक्य है ।
(b) कथन (क) और (घ) सरल वाक्य हैं।
(c) कथन (क) और (ग) सरल वाक्य हैं।
(d) कथन (क), (ग) और (घ) सरल वाक्य हैं।
'वाच्य' पर आधारित पाँच बहुविकल्पी प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के सही उत्तर वाले विकत चुनकर लिखिए - 4
(i) 'हम सभी सैलानी आगे चलने में असमर्थ थे।' प्रस्तुत वाक्य का वाच्य पहचानिए -
(a) कर्मवाच्य
(b) कर्तृवाच्य
(C) भावाच्य
(d) अकर्तृवाच्य
(ii) 'उसने नेपाली बोली सीखी' वाक्य का कर्मवाच्य होगा -
(a) उसके द्वारा नेपाली बोली सीखी गई।
(b) उसने नेपाली बोली सीख ली ।
(c) उससे नेपाली बोली सीख ली जाएगी ।
(d) उससे नेपाली नहीं सीखी जाती है।
(iii) निम्नलिखित वाक्यों में से भाववाच्य का उदाहरण नहीं है -
(a) उससे तो दौड़ा भी नहीं जाता ।
(b) बूढ़ी काकी से उठा भी नहीं जाता ।
(C) बूढ़े दादू से रोटी भी नहीं खाई जाती ।
(d) रमेश से सोया भी नहीं जाता ।
(iv) निम्नलिखित में से कौन-सा वाक्य कर्तृवाच्य का उदाहरण है ?
(a) मूर्तिकार द्वारा सबको सूचना दी गई ।
(b) अफसरों से कुछ-का-कुछ बहाना बनाया गया ।
(c) चेयरमैन द्वारा आदेश पारित किया गया ।
(d) मूर्तिकार पहाड़ों के दौरे पर निकल पड़ा।
(v) स्तंभ-I और स्तंभ-II को सुमेलित कर उचित विकल्प चुनकर लिखिए -
स्तंभ - 1। स्तंभ - II
(अ) गेंदबाज द्वारा फुलटॉस गेंद फेंकी गई। (1) कर्तृवाच्य
(ब) भारतीय महिला क्रिकेटरों का प्रदर्शन सराहनीय था । (II) कर्मवाच्य
(स) चोटिल बल्लेबाज से दौड़ा नहीं जा सका । (III) भाववाच्य
(A) (अ)-(I); (ब) (III); (स) - (II)
(B) (अ) - (1); (ब) (II); (स) (III)
(c) (अ)- (II): (ब) (I): (स) (III)
(d) (अ) (III): (ब) (II): (स) (1)
5. 'पद-परिचय' पर आधारित पाँच बहुविकल्पी प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के सही उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए -
(1) 'रानी का दर्जी परेशान था कि वे हिंदुस्तान के दौरे पर क्या पहनेंगी' वाक्य में रेखांकित अंश का पद-परिचय है -
(a) संबंधबोधक अव्यय
(c) क्रियाविशेषण अव्यय
(b) विस्मयादिबोधक अव्यय
(d) समुच्चयबोधक अव्यय
( ii) उसी ज़माने में यह घटना घटी। रेखांकित अंश का पद परिचय होगा -
(a) सकर्मक क्रिया, एकवचन, स्त्रीलिंग, भूतकाल ।
(b) अकर्मक क्रिया, एकवचन, स्त्रीलिंग, भूतकाल ।
(c) सकर्मक क्रिया, बहुवचन, स्त्रीलिंग, भूतकाल ।
(d) सकर्मक क्रिया, एकवचन, स्त्रीलिंग, वर्तमानकाल ।
(iii) निम्नलिखित में किस वाक्य में सार्वनामिक विशेषण का प्रयोग हुआ है ?
(a) कौन-कौन घूमने जाएगा ?
(b) बाहर कौन आया है ?
(c) कौन-सी पुस्तक ले आऊँ ?
(d) कौन शोर मचा रहा है ?
(iv) जाड़े में चारों ओर कुहरा छा जाता है।' रेखांकित शब्द का पद परिचय है -
(a) जातिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन
(b) भाववाचक संज्ञा, • पुल्लिंग, एकवचन
(c) जातिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन
(d) भाववाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन
(v) आज के समय में कम लोगों को ही नौकरी मिलती है पर वे भी इस विषय में कम बोलते हैं। दोनों वाक्यों के कम का सामान्य पद-परिचय होगा -
(a) पहला कम - सार्वनामिक विशेषण, दूसरा कम अनिश्चित संख्यावचाक विशेषण
(b) पहला कम - अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण, दूसरा कम अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण
(c) पहला कम - अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण, दूसरा कम संख्यावाचक विशेषण अनिश्चित
(d) पहला कम - अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण, दूसरा कम परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण अनिश्चित
6. 'अलंकार' पर आधारित पाँच बहुविकल्पी प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर निर्देशानुसार उचित विकल्प चुनकर दीजिए -
(i) स्तंभ-1 और स्तंभ-II का मिलान करते हुए सही विकल्प चुनकर लिखिए -
स्तंभ - 1। स्तंभ - II
उपमेय में उपमान की संभावना। (अ) श्लेष अलंकार
शब्द के एक से अधिक भिन्न अर्थ। (ब) मानवीकरण अलंकार
निर्जीव पदार्थों पर मानवीय क्रियाओं और भावों का आरोपण (स) उत्प्रेक्षा अलंकार
(a) (I) - अ; (II) ब; (III) - स
(b) (1) स: (II) - अ; (III) - ब
(c) (1) ब; (II) सः (III) अ
(d) (1) - अ; (II)- सः (III)- ब
(ii) निम्नलिखित काव्य-पंक्तियों में से कौन-सी काव्य-पंक्ति मानवीकरण अलंकार का उदाहरण है ?
(a) चरणकमल बंदी हरि राई ।
(b) कनक-कनक ते सौ गुनी मादकता अधिकाय ।
(c) दुख है जीवन-तरु के फूल
(d) मेघ आए बड़े बन ठन के, सँवर के ।
iii) अंबर में तारे मानो मोती अनगिनत ।' पंक्ति में कौन-सा अलंकार है ?
(a) उत्प्रेक्षा अलंकार
(b) मानवीकरण अलंकार
(c) श्लेष अलंकार
(d) अतिशयोक्ति अलंकार
(iv) 'चंचला स्नान कर आए, चंद्रिका पर्व में जैसे। उस पावन तन की शोभा, आलोक मधुर थी ऐसे ।।' इन काव्य-पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार है -
(a) श्लेष अलंकार
(b) उत्प्रेक्षा अलंकार
(c) मानवीकरण अलंकार
(d) अतिशयोक्ति अलंकार
(v) 'पानी गए न ऊबरै, मोती, मानुष, चून ।' काव्य-पंक्ति में प्रयुक्त अलंकार है -
(a) श्लेष अलंकार
(b) उत्प्रेक्षा अलंकार
(c) मानवीकरण अलंकार
(d) अतिशयोक्ति अलंकार
7. निम्नलिखित पठित गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पी प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए :
सचमुच हैरान करती है काशी पक्का महाल से जैसे मलाई बरफ़ गया, संगीत, साहित्य और अदब की बहुत सारी परंपराएँ लुप्त हो गईं। एक सच्चे सुर साधक और सामाजिक की भाँति बिस्मिल्ला खाँ साहब को इन सबकी कमी खलती है। काशी में जिस तरह बाबा विश्वनाथ और बिस्मिल्ला खाँ एक-दूसरे के पूरक रहे हैं, उसी तरह मुहर्रम ताजिया और होली- अबीर, गुलाल की गंगा-जमुनी संस्कृति भी एक-दूसरे के पूरक रहे हैं। अभी जल्दी ही बहुत कुछ इतिहास बन चुका है। अभी आगे बहुत कुछ इतिहास बन जाएगा। फिर भी कुछ बचा है जो सिर्फ काशी में है। काशी आज भी संगीत के स्वर पर जगती और उसी की थापों पर सोती है। काशी में मरण भी मंगल माना गया है। काशी आनंदकानन है। सबसे बड़ी बात है कि काशी के पास उस्ताद बिस्मिल्ला खाँ जैसा लय और सुर की तमीज सिखाने वाला नायाब हीरा रहा है जो हमेशा से दो कौमों को एक होने व आपस में भाईचारे के साथ रहने की प्रेरणा देता रहा ।
(i) गद्यांश के अनुसार काशी में कौन एक-दूसरे के पूरक रहे हैं ?
a) गंगा और बाबा विश्वनाथ
(B) बाबा विश्वनाथ और त्रिशूल
(c) बिस्मिल्ला खाँ और गंगा
(D) बाबा विश्वनाथ और बिस्मिल्ला खाँ
(ii) 'काशी में मरण भी मंगल माना गया है' - का आशय है -
(a) काशी में मृत्यु का उत्सव मनाया जाता है।
(b) पुराणों के अनुसार काशी मृत्यु नगरी है।
(c) मान्यता है कि काशी में मृत्यु मोक्ष-दायिनी है।
(d) काशी में मृत्यु के अवसर पर मंगलगीत गाए जाते हैं।
(iii) निम्नलिखित कथनों को पढ़कर सबसे सही विकल्प चुनकर लिखिए।
कथन :
(क) बिस्मिल्ला खाँ धार्मिक सौहार्द्र के प्रतीक थे।
(ख) काशी में गंगा-जमुनी संस्कृति के दर्शन होते हैं।
(ग) काशी में खान-पान की सारी परंपराएँ लुप्त हो गई हैं।
विकल्प :
(a) कथन (क) सही है।
(b) कथन (ख) और (ग) सही हैं।
(c) कथन (क) और (ख) सही हैं।
(d) कथन (क) और (ग) सही हैं।
(iv) गंगा-जमुनी संस्कृति' से आप क्या समझते हैं ?
(a) मुहर्रम ताजिया, होली-दीवाली जैसे अवसरों पर सामूहिकता
(b) विभिन्न धार्मिक समुदायों का आपसी सामंजस्य
(c) अलग-अलग संप्रदायों की उत्सवधर्मिता
(d) संगीत, कलाओं एवं साहित्य का ताना-बाना
(v) उपर्युक्त गद्यांश के आधार पर काशी के विषय में कौन-सा कथन असत्य है ?
(a) वहाँ की साहित्य, संगीत, संस्कृति की हर परंपरा अब लुप्त हो चुकी है।
(b) काशी की आत्मा संगीत में बसती है।
(c) यहाँ के हिंदुओं और मुसलमानों के बीच सदा से भाईचारे की भावना रही है।
(d) बिस्मिल्ला खाँ को काशी से अगाध प्रेम था, उन्होंने उसकी शान बढ़ाई ।
8. गद्य खंड के पाठों के आधार पर निम्नलिखित दो प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए :
(i) 'लखनवी अंदाज' पाठ के नवाब साहब द्वारा लेखक की तरफ उत्सुकता नहीं दिखाई जाने के कारणों को पढ़कर सबसे उचित विकल्प चुनकर लिखिए -
कारण :
(क) दूसरे दर्जे में सफर करते देखे जाने की हिचक रही होगी
(ख) खीरे जैसी साधारण बस्तु के साथ देखे जाने का संकोच
(ग) संभवतः वे भी नई कहानी के विषय में सोचने के लिए एकांत चाहते हों।
विकल्प :
(a) इनमें से कोई भी नहीं ।
(b) केवल (क) और (ख)
(c) (क), (ख) और (ग) तीनों ।
(d) केवल (ग)
(ii) अपने पुत्र की मृत्यु पर बालगोबिन भगत ने क्या किया ?
(a) फूल और तुलसीदल बिखरा दिया, कबीर के पद गाए, सबके गले लगकर रोए ।
(b) फूट-फूट कर रोए, कबीर के पद गाए, दीप जलाया।
(c) फूल और तुलसीदल नोचकर फेंक दिए, कबीर के पदों को पढ़ना छोड़ दिया, लोगों के साथ गले मिल रोए ।
(d) फूल और तुलसीदल बिखरा दिया, शव के सिरहाने दीप जलाया, कबीर के पद गाए ।
9. निम्नलिखित पठित काव्यांश पर आधारित दिए गए बहुविकल्पी प्रश्नों से सबसे उचित विकल्प चुनकर लिखिए : 5x1=5
तब भी कहते हो कह डालूँ दुर्बलता अपनी बीती ।
तुम सुनकर सुख पाओगे, देखोगे - यह गागर रीती ।
किंतु कहीं ऐसा न हो कि तुम ही खाली करने वाले -
अपने को समझो, मेरा रस ले अपनी भरने बाले ।
यह विडंबना ! अरी सरलते तेरी हँसी उड़ाऊँ मैं।
भूले अपनी या प्रवंचना औरों की दिखलाऊँ मैं।
उज्ज्वल गाथा कैसे गाऊँ; मधुर चाँदनी रातों की।
अरे खिल-खिलाकर हँसते होने वाली उन बातों की।
मिला कहाँ वह सुख जिसका मैं स्वप्न देखकर जाग गया।
आलिंगन में आते-आते मुसक्या कर जो भाग गया ।
1) अपने बीते हुए जीवन को कवि किस रूप में देख रहा है ?
(a) विशद और विस्तृत
(b) सरल और सामान्य
(c) समृद्ध और सबल
(d) दुखद और करुण
(ii ) जीवन-गाथा नहीं सुनाने के पीछे कौन-सा कारण मुख्य है ?
(a) उनको भय है कि लोग उनकी कमजोरियों पर हँसेंगे ।
(b) विनम्र स्वभाववश अपनी जीवन-कथा को आम आदमी की कथा मानना ।
(c) उनके जीवन के खालीपन से दूसरे सुख पाएँगे ।
(d) उनके जीवन की व्यथा सबको भावुक बना देगी।
(iii) उज्ज्वल गाथा कैसे गाऊँ पंक्ति के संदर्भ में लिखिए कि किस गाथा को उज्ज्वल कहा गया है ?
(a) विगत जीवन की स्मृतियों को
(b) मित्रों के साथ व्यतीत समय-गाथा को
(c) प्रेयसी / पत्नी के साथ व्यतीत मधुर स्मृतियों को
(d) साहित्यिक गोष्ठियों में की जाने वाली चर्चा को
(iv) 'देखोगे - यह गागर रीती' पंक्ति में प्रयुक्त 'गागर रीती' से क्या अभिप्राय है ?
(a) गागर का रिक्त होना
(b) विशिष्ट उपलब्धियों का न होना
(c) साहित्यिक रचनाओं का न होना
(d) विगत जीवन में सुख का न होना
(v) उपर्युक्त काव्यांश का मुख्य भाव है -
(a) जीवन के यथार्थ एवं अभाव पक्ष की मार्मिक अभिव्यक्ति
(b) आत्मकथा न लिखने के कारणों का उल्लेख
(c) मित्रों के मधुर कटु व्यवहार का उल्लेख
(d) प्रेयसी / पत्नी के साथ व्यतीत मधुर पलों की अभिव्यक्ति
10. पद्य खंड के पाठों के आधार पर निम्नलिखित बहुविकल्पी प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
(i) सूरदास के पदों के आधार पर उद्धव हैं-
(a) निर्गुण ब्रह्म के उपासक, कृष्ण-सखा, योग के विरोधी
(b) सगुण ईश्वर के भक्त, कृष्ण-सखा, योग के प्रचारक
(c) निर्गुण ब्रह्म के उपासक, कृष्ण सखा, योग-मार्गी
(d) निर्गुण ईश्वर के विरुद्ध, सगुण-कृष्ण के भक्त, योग-मार्गी
(ii) मुख्य गायक द्वारा 'अंतरे' की जटिल तानों के जंगल में खोने पर संगतकार 'स्थायी' को किस प्रकार सँभालता है ?
(a) पीछे छूटे हुए सामान की तरह
(B) उसे ढाढ़स बंधाकर
(c) उसके स्वर में स्वर मिलाकर
(d) वाद्य यंत्रों की ध्वनि ऊँची कर
खंड - 'ब'
11. गद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए : 3x2=6
(वर्णनात्मक प्रश्न)
(क) 'एक कहानी यह भी' के आधार पर स्वतंत्रता आंदोलन के आखिरी चरण के परिदृश्य का वर्णन कीजिए जिनमें कोई दो बिंदु अवश्य शामिल हों।
स्वाधीनता आंदोलन के समय (सन् 1942 से 1947 तक) देश में देशप्रेम एवं देशभक्ति की भावना अपने चरम पर थी। आज़ादी पाने के लिए जगह-जगह हड़तालें, प्रदर्शन, जुलूस, प्रभात फेरियाँ निकाली जा रही थीं। इस आंदोलन के प्रभाव से मन्नू भी अछूती नहीं थी। वह सड़क के चौराहे पर हाथ उठा-उठाकर भाषण देतीं, हड़तालें करवाती तथा अंग्रेजों के विरुद्ध विरोध प्रकट करने के लिए दुकानें बंद करवाती। इस तरह लेखिका इस आंदोलन में सक्रिय भागीदारी निभा रही थी।
(ख) नेताजी का चश्मा' पाठ के आधार पर लिखिए कि नेताजी की मूर्ति पर लगे असली चश्में को देख हालदार साहब के मन में क्या विचार आया ?
मूर्ति के असली चश्मे के विषय में हालदार साहब की जिज्ञासा का पानवाले ने यह कहकर समाधान किया कि मास्टर मूर्ति पर चस्मा लगाना 'भूल गया था। उस समाधान से हालदार साहब की विचारधारा बनी कि देशभक्ति की सच्ची भावना आज भी जीवित है, परन्तु उन्हें यहीं चिन्ता थी कि वर्तमान पीढ़ी की घटती देशभक्ति और बढ़ते स्वार्थ के प्रति देश के भविष्य का क्या होगा?
(ग) बालगोबिन भगत के प्रति लेखक क्यों आकृष्ट था ? पाठ के आधार पर किन्हीं दो कारणों का उल्लेख कीजिए ।
(घ) संस्कृति' पाठ के आधार पर बताइए कि संस्कृत व्यक्ति' कौन होता है? उसकी खूबियों पर टिप्पणी कीजिए ।
अपनी योग्यता, बुद्धि, विवेक, प्रेरणा, आत्मबल, आत्मविश्वास तथा अपनी प्रवृत्ति के बल पर नए तथ्य का दर्शन एवं चिंतन करने वाला तथा जनकल्याण की भावना से कार्य करने वाला व्यक्ति ही वास्तविक अर्थों में 'संस्कृत व्यक्ति' है।
12. पद्म पाठों के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए :3x2=6
(क) सूर की गोपियाँ सच्चा राजधर्म किसे बता रही हैं ? उनके अनुसार कृष्ण किस प्रकार राजधर्म का पालन नहीं कर रहे हैं ?
गोपियों के अनुसार राजा का धर्म अपनी प्रजा की रक्षा करना होता है तथा नीति से राजधर्म का पालन करना होता है। एक राजा तभी अच्छा कहलाता है जब वह अनीति का साथ न देकर नीति का साथ देता है। राजा का धर्म है कि वह हर प्रकार से अपनी प्रजा को खुश रखे। प्रजा को दुखी करना राजा को शोभा नहीं देता। श्रीकृष्ण द्वारा उद्धव के माध्यम से गोपियों का हृदय आहत होता है इसलिए गोपियों ने कृष्ण को राजधर्म याद दिलाया और कहा कि इस प्रकार से गोपियों को न सताएँ।
(ख) परशुराम शिव धनुष टूटने पर इतने अधिक क्रोधित क्यों हो गए ? शिव धनुष तोड़ने वाले के प्रति उनकी प्रतिक्रिया क्या थी ? राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद' प्रसंग के आधार पर लिखिए।
सीता-स्वयंवर के अवसर पर श्री राम ने शिव जी के धनुष को तोड़ दिया था जिस कारण परशुराम अत्यंत क्रोधित हो गए थे। परशुराम के क्रोध करने पर राम और लक्ष्मण की जो प्रतिक्रियाएँ हुई उनके आधार पर दोनों के स्वभाव की विशेषताओं में काफी भिन्नता देखी जा सकती है। श्रीराम ने धैर्य, शील तथा विनम्रता के साथ परशुराम के कठोर एवं क्रोधित वचनों को सुना। यही नहीं उन्होंने विनम्र तथा सहज स्वभाव से क्रोधी परशुराम का सम्मान करते हुए स्वयं को उनका सेवक बताया। लेकिन लक्ष्मण के स्वभाव में उग्रता एवं उद्दण्डता थी। उनकी वाणी धुरी से भी अधिक तेज थी। उन्होंने अपने व्यंग्य वचनों द्वारा परशुराम को और अधिक क्रोधित कर दिया। इस प्रकार लक्ष्मण का स्वभाव राम के सर्वथा विपरीत है। राम का स्वभाव यदि फूल के समान कोमल है तो लक्ष्मण का काँटे के समान तीखा और चुभने वाला है। उपस्थित समाज ने भी लक्ष्मण के स्वभाव को अनुचित कहा।
(ग) आपने अपने पाठ्यक्रम में किस कविता में अन्न उपजाने की पूरी प्रक्रिया पढ़ी है ? उस प्रक्रिया का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए ।
कवि के अनुसार फसलें पानी, मिट्टी, धूप, हवा और मानव श्रम के मेल से बनी हैं। अर्थात् फसल किसी एक की मेहनत का फल नहीं बल्कि इसमें सभी का योगदान सम्मिलित है। प्रस्तुत कविता में कवि ने फसल उपजाने के लिए मानव परिश्रम, पानी, मिट्टी, सूरज की किरणों तथा हवा जैसे तत्वों को आवश्यक कहा है।
(घ) बादलों से संबंधित किन बिंबों का प्रयोग 'उत्साह' कविता में है ?
कवि ने बच्चे की मुसकान के सौंदर्य को निम्नलिखित बिंबों के माध्यम से व्यक्त किया है
1. बच्चे की मुसकान से मृतक में भी जान आ जाती है।
2. यों लगता है मानो झोंपड़ी में कमल के फूल खिल उठे हों।
3. यों लगता है मानो चट्टानें पिघलकर जलधारा बन गई हों।
4. यों लगता है मानो बबूल से शेफालिका के फूल झरने लगे हों।
13. पूरक पाठ्यपुस्तक के पाठों पर आधारित निम्नलिखित तीन में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 50-60 शब्दों में लिखिए :
(क) “बच्चों के सुख-दुख, झगड़े-खेल क्षणिक होते हैं।" इस कथन का आशय स्पष्ट करते हुए 'माता का अँचल' पाठ के किन्हीं दो उदाहरणों के संदर्भ से इस कथन की सत्यता सिद्ध कीजिए ।
बच्चों के सुख-दुख, झगड़े-खेल क्षणिक होते हैं। 'माता का अँचल' के पाठ के आधार पर कहें तो ये बात बिल्कुल सही है।
जैसे कहानी में, जब भोलानाथ को सांप दिखता है, तो वह बहुत डर जाता है। वह रोता है और अपनी माँ की गोद में छिप जाता है। लेकिन, कुछ ही देर बाद, वह अपने डर को भूल जाता है और खेलने लगता है।
जब भोलानाथ को नया खिलौना मिलता है, तो वह बहुत खुश होता है। वह उस खिलौने से खेलता है और उसे अपने दोस्तों को दिखाता है। लेकिन, कुछ ही दिनों में, उसका खिलौना टूट जाता है और वह दुखी हो जाता है।
इन उदाहरणों से पता चलता है कि बच्चों के सुख-दुख, झगड़े-खेल क्षणिक होते हैं। वे जल्दी ही खुश हो जाते हैं और जल्दी ही दुखी हो जाते हैं। वे जल्दी ही डर जाते हैं और जल्दी ही अपना डर भूल जाते हैं। माता का आँचल पाठ यह कहानी बच्चों के सरल और निश्छल स्वभाव को दर्शाती है। यह कहानी हमें सिखाती है कि हमें बच्चों के साथ धैर्य रखना चाहिए और उनकी भावनाओं को समझना चाहिए।
(ख) 'साना-साना हाथ जोड़ि' में प्रकृति की किस अखंडित संपूर्णता से लेखिका का साक्षात्कार होता है ? वह संपूर्णता आवश्यक क्यों है ? उसे नुकसान पहुंचाकर मनुष्य क्या गलत कर रहा है?
इसका मतलब है कि साना साना हाथ जोड़ी में प्रकृति से संपूर्ण संबंधित लेखिका का साक्षात्कार संपूर्णता की दिशा में होना चाहिए, क्योंकि यह मानव जीवन के साथीत्व और समर्थन का स्रोत हो सकता है। यहां संपूर्णता का आदान-प्रदान तब होता है जब संबंध एक समर्पित और सजग दृष्टिकोण से बना रहता है। नुकसान पहुंचाने से मनुष्य संबंधों की गहराईयों में खो सकता है और अपने आत्मिक विकास को बाधित कर सकता है।
(ग) हिरोशिमा जाने पर लेखक को क्या महसूस हुआ? हिरोशिमा की घटना पूरी मानव जाति के लिए एक सबक के समान क्यों है ? मैं क्यों लिखता हूँ पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए ।
हिरोशिमा में हुए विस्फोट से पीड़ित लोगो को देखकर लेखक को अत्यंत दुःख हुआ और तब लेखक के मन में लिखने की प्रेणना उत्पन्न नहीं हुई परन्तु जब उसने जले पत्थर पर किसी व्यक्ति की छाया को देखा तब उसको हिरोशिमा के विस्फोट से प्रभावित लोगो के दर्द की अनुभूति हुई और लेखक को उसने लिखने के लिए प्रेरित किया।
14. निम्नलिखित विषयों में से किसी एक विषय पर लगभग 120 शब्दों में सारगर्भित अनुच्छेद लिखिए : 1 × 6=6
(क) बुजुर्गों के प्रति हमारी जिम्मेदारी
संकेत बिंदु - हमारे समाज में बुजुगों की वर्तमान स्थिति बुजुगों के प्रति वर्तमान स्थिति के कारण बतौर समुदाय हमारी जवाबदेही आपके द्वारा बदलाव के कुछ सुझाव
शहरों की स्थिति भी बेहतर नहीं है, जहां बुजुर्ग अभिभावक अकेलेपन और उपेक्षा की त्रासदीझेल रहे हैं। उनका हालचाल लेने, परेशानियां साझा करने और साथ वक्त बिताने वाला कोई नहीं है। आजकल परिवार मेंवृद्धों की उपेक्षा होने लगी है। पेंशन पा रहे बुजुर्ग तो फिर भी अपना थोड़ा बहुत सम्मान बचा लेते हैं, लेकिन अपनी संतानपर आश्रित वृद्धों का बुरा हाल है। संयुक्त राष्ट्र की बुजुर्गों से संबंधित एक ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय समाजमें बुजुर्गों को परिवार से मिलने वाले सम्मान में कमी आती जा रही है। अधिकांश भारतीय बुजुर्ग अपने ही घर में उपेक्षित वएकाकी जीवन जीने को अभिशप्त हैं। इसी तरह, पिछले दिनों रिसर्च ऐंड एडवोकेसी सेंटर ऑफ एजवेल फाउंडेशन के एक सर्वेक्षण में शामिल भारत के 59.3 फीसदी लोगों ने कहा है कि युवा पीढ़ी बुजुर्गों की समस्याओं के प्रति जागरूक नहीं है।
हमारे समाज में बुजर्गो की वर्तमान स्थिति कुछ ज्यादा अच्छी नहीं है। शहर और गांव में दोनों जगह बुजर्गो की इज्ज़त और मान सम्मान कुछ ज्यादा अच्छे नहीं रहे है। हमारा कर्तव्य है की हम बुजर्गो के प्रति जिम्मेदार हो और उनका आदर करे क्योंकि वो भी मान सम्मान के हकदार है। उनकी वजह से हमारा जीवन है और उनके ज्ञान की वजह से हम जल्दी बातो का ग्रहण कर लेते है।
बतौर पूरे समुदाय की जवाबदेही है वह अपने से बड़े और बुजर्गो की देखभाल करे और उनको समझे । आज के युवा यह समझते है कि यह कोई काम के नही और हमारा काम नहीं कर सकते है और युवा यह भूल जाते है कि वह भी इसी दौर से गुजरेंगे परंतु नवीन जीवनशैली के कारण वह किसी पर ध्यान नहीं देते है और बड़ो का आदर नहीं करते है।
मेरे सुझाव से हमे उनकी देखभाल करना चाहिए और उनके साथ समय बिताना चाहिए। उन से घुलना मिलना और उनकी बातों को महत्व देना चाहिए।
(ख) उम्मीद पर दुनिया कायम संकेत बिंदु - जीवन में कठिन दौर और उसका सामाना पराजय और संघर्ष की अनिवार्यता हार के बाद भी आशा की किरण बने रहना जब तक उम्मीद है तब तक अंत नहीं
उम्मीद एक ऐसी भावना है पास होती है वह आजीवन सुखी रहता है भले ही उसके पास कुछ न हो। जिसके पास नही होती वह अजीवन दुखी रहता है चाहे उसके पास सब जीवन के अनेक कठिन दौर होते है जिसके कुछ रहता और दिलासे होती है जहाँ हमे उम्मीद की अत्यंत पराज्य आवश्यकता और संघर्ष वह महत्त्वपूर्ण कार्य हमारे जीवन से निभाते है। आजीवन ही विजय हासिल यदि हम आजीवन करते रहे और उससे कोई सीख न मिलेगी तो हमारी विजय का कोई खास ख्याल नही रहेगा परंतु यदि हम यदि हम पराजय और संघर्ष साथ जीवन में सीखने का अनुभव लेंगे तो हमारे पास आशा की एक किरण मौजूद रहेगी हम सारी जिंदगी उम्मीद और आशा की भावना के साथ रहे सकते है परंतु विजय होने पर कुछ ना सीखने की उम्मीद के साथ नहीं रह सकते।
(ग) परहित सरिस धर्म नहीं'
संकेत बिंदु - दूसरों का हित करना परहित में क्या-क्या शामिल? परहित क्यों धर्म है ? • परहित से लाभ और सुझाव
संसार में परोपकार से बढ़कर कोई धर्म नहीं हैं। सन्त-असन्त और अच्छे-बुरे व्यक्ति का अन्तर परोपकार से प्रकट होता है। जो व्यक्ति परोपकार के लिए अपने शरीर की बलि दे देता है, वह सन्त या अच्छा व्यक्ति है। अपने संकुचित स्वार्थ से ऊपर उठकर मानव-जाति का नि:स्वार्थ उपकार करना ही मनुष्य का प्रधान कर्तव्य है। जो मनुष्य जितना पर-कल्याण के कार्य में लगा रहता है, वह उतना ही महान् बनता है। जिस समाज में दूसरे की सहायता करने की भावना जितनी अधिक होती है, वह समाज उतना ही सुखी और समृद्ध होता है। इसलिए तुलसीदास जी ने कहा है परहित सरिस धरम नहिं भाई ।पर पीड़ा सम नहिं अधमाई ।। परोपकार का अर्थ-परोपकार से तात्पर्य है-दूसरों का हित करना। जब हम स्वार्थ से प्रेरित होकर दूसरे का हित साधन करते हैं, तब वह परोपकार नहीं होता। परोपकार स्वार्थपूर्ण मन से नहीं हो सकता है। उसके लिए हृदय की पवित्रता और शुद्धता आवश्यक है। परोपकार क्षमा, दया, त्याग, बलिदान, प्रेम, ममता आदि गुणों का व्यक्त रूप है।
महर्षि व्यास ने परोपकार को पुण्य की संज्ञा दी है;
यथा— अष्टादश पुराणेषु, व्यासस्य वचनद्वयम्।।
परोपकारः पुण्याय, पापाय परपीडनम् ॥
परोपकारः एक स्वाभाविक गुण–परोपकार की भावना मनुष्य का स्वाभाविक गुण है। यह भावना मनुष्य में ही नहीं, पशु-पक्षियों, वृक्ष और नदियों तक में पायी जाती है। प्रकृति भी सदा परोपकारयुक्त दिखाई देती है। मेघ वर्षा का जल स्वयं नहीं पीते, वृक्ष अपने फल स्वयं नहीं खाते, नदियाँ दूसरों के उपकार के लिए ही बहती हैं। सूर्य सबके लिए प्रकाश वितरित करता है, चन्द्रमा अपनी शीतल किरणों से सबको शान्ति देता है, सुमन सर्वत्र अपनी सुगन्ध फैलाते हैं, गाय हमारे पीने के लिए ही दूध देती है। कवि रहीम का कथन है– तरुवर फल नहिं खाते हैं, सरवर पियहिं न पान । कहि रहीम परकाज हित, सम्पति सँचहिं सुजान ॥ परोपकार : मानव का धर्म-परोपकार मनुष्य का धर्म है। भूखों को अन्न, प्यासे को पानी, वस्त्रहीन को वस्त्र, पीड़ितों और रोगियों की सेवा-सुश्रुषा मानव का परम धर्म है। संसार में ऐसे ही व्यक्तियों के नाम अमर होते हैं, जो दूसरों के लिए मरते और जीवित रहते हैं।
तुलसीदास की ये पंक्तियाँ कितनी महत्त्वपूर्ण हैं -
परहित बस जिनके मन माहीं । तिन्ह कहँ जग दुर्लभ कछु नाहीं ॥
परोपकार को इतनी महत्ता इसलिए दी गयी है, क्योंकि इससे मनुष्य की पहचान होती है। इस प्रकार सच्चा मनुष्य वही है जो दूसरों के लिए अपना सर्वस्व निछावर करने को तत्पर रहता है।
15. निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 100 शब्दों में पत्र लिखिए: 1x5=5
(क) आपका नाम रमैया / रौशन है। आप अपने विद्यालय की तरफ से किसी बड़े शहर की शैक्षणिक यात्रा पर गए हैं। यात्रा से लौटकर उसकी जानकारी देते हुए अपनी बड़ी बहन को पत्र लिखिए ।
विकासनगर, लखनऊ - 75
दिनांकः 18/02/2024
सादर नमस्ते। आशा करता हूँ कि आप सभी लोग स्वस्थ होंगे। मैं यहाँ पर बहुत आनंदित हूँ। मैं अपने शिक्षकों और सहपाठियों के साथ तीन दिन के लिए चंडीगढ़ और भाखड़ा नंगल बाँध देखने गया था। उसी यात्रा का संक्षेप में वर्णन आपको लिख रहा हूँ।
दिनांकः २० फ़रवरी को हम लोग अपनी स्कूल बस से सुबह सात बजे चंडीगढ़ के लिए रवाना हुए। शाम को चार बजे मौज - मस्ती करते हुए चंडीगढ़ पहुँचे। वहाँ हम एक स्कूल में पहुँचे। वहां रात का खाना खाया और सो गए। प्रातः काल तैयार होकर हम भांखडा नंगल बाँध देखने के लिए गए। वहां पर शिक्षकों ने हमें बताया कि बाँध पर बिजली कैसे पैदा की जाती है। हमने चंडीगढ़ में बना पार्क भी देखा। इस पार्क की रचना देखकर अचंभा होता है। इसके बाद हम चंडीगढ़ शहर में घूमे। यह शहर एकदम साफ़ सुथरा और सुन्दर है। रात का खाना हमें होटल में खिलाया गया। शाम को हम वापस स्कूल पहुँचे और सो गए। वहां से हम २४ फ़रवरी को वापस आ गए थे।
पिताजी एवं भाई साहब को सादर प्रणाम तथा छोटी बहन को ढेर सारा प्यार देना।
रौशन
अथवा
(ख) आप 27/6-बी, क.ख.ग. नगर के निवासी राधेश्याम / रुक्मिणी हैं। आपके मोहल्ले में बहुत से आवारा पशु घूमते रहते हैं। उनकी वजह से न सिर्फ मोहल्लेवासियों को कई तकलीफों का सामना करना पड़ता है बल्कि वे पशु भी कई समस्याओं से ग्रस्त रहते हैं। नगरपालिका के अध्यक्ष को पत्र लिखकर इस समस्या की जानकारी दीजिए और उचित कदम उठाने का अनुरोध कीजिए ।
नगरपालिका अध्यक्ष जी,
नगरपालिका,
क.ख.ग. नगर,
दिनांक - 18/02/2024
विषय- आवारा कुत्तों की अधिकता से उत्पन्न समस्याओं के संबंध में।
सविनय निवेदन यह है कि इस पत्र के माध्यम से मैं आपका ध्यान अपने मोहल्ले में बढ़ती लावारिस और आवारा कुत्तों की संख्या की ओर आकर्षित करना चाहता हूँ।
यहाँ आवारा कुत्तों की संख्या अचानक से बढ़ गई है। ये कुत्ते यहाँ के निवासियों पर ही आते- जाते समय भौंकते हैं और उनको काट खाने के लिए दौड़ पड़ते हैं। वे दुपहिया वाहनों पर खास तौर पर झपटते हैं और उनका दूर तक पीछा करते हैं, जिसके कारण कई दुर्घटनाएँ भी हो चुकी हैं। सुबह स्कूल जाने वाले कई बच्चे और सैर पर जाने वाले अनेक वृद्ध इनका शिकार बन चुके हैं। इस कारण लोगों को भय के साये में जीना पड़ रहा है। उनकी वजह से न सिर्फ मोहल्लेवासियों को कई तकलीफों का सामना करना पड़ता है बल्कि वे पशु भी कई समस्याओं से ग्रस्त रहते हैं।
आपसे अनुरोध है कि इन आवारा कुत्तों को पकड़कर हमें भयमुक्त करें ताकि हम सब चैन की साँस ले सकें। हम मोहल्ले वाले आपके आभारी रहेंगे।
27/6-बी,
क.ख.ग. नगर।
16. (क) जड़ी-बूटियों से दंतमंजन बनाने वाली कंपनी 'अ.ब.स.' को अपने उत्पाद के प्रचार-प्रसार और बिक्री को बढ़ाने हेतु घर-घर जाकर संपर्क करने वाले कुछ नवयुवकों और नवयुवतियों की आवश्यकता है। अपनी शैक्षणिक योग्यता, रुचि और अनुभव का विवरण देते हुए लगभग 80 शब्दों में एक स्ववृत्त तैयार कीजिए ।
अ.ब.स. टीम,/प्रिय अ.ब.स. टीम,
मैं [तुम्हारा नाम] हूँ और ( तुम्हारी शैक्षणिक) योग्यता का धारक हूँ। मेरा रुचि जड़ी बूटियों में है और मैंने संबंधित क्षेत्र में अनुभव प्राप्त किया है। मैं आपकी कंपनी के उत्पाद को लोगों तक पहुँचाने और उसकी बिक्री बढ़ाने के लिए सक्रिय रूप से योजना बना सकता/सकती हैं। मुझे यह अवसर मिले, इस पर विचार करने का मौका दें। इसके साथ मेरा स्ववृत्त निम्नलिखित है-
पिता का नाम : सुरेश कुमार
माँ का नाम : सविता
जन्म तिथि : 18 नवंबर, 1982
वर्तमान पता : डी 72, पाकेट चार, मयूर विहार (फ्रेज एक) दिल्ली 110092
स्थायी पता: उपरोक्त
टेलीफोन नं. :01122718296
मोबाइल नं :98682348XX
ई-मेल : 85narendra@yahoo.com
शैक्षणिक योग्यताएँ -
अन्य सम्बन्धित योग्यताएँ -
- अंग्रेजी भाषा का ज्ञान |
कार्येत्तर गतिविधियाँ और अभिरुचियाँ-
-देश भ्रमण का शौक।
-क्रिकेट और फुटबॉल में अभिरुचि।
अनुभव-
-कार्य: उत्पाद के प्रचार-प्रसार और बिक्री को बढ़ाना।
-उत्पाद को लोगो तक पहुंचना और जानकारी देना।
मैं प्रमाणित करता हूँ कि उपर्युक्त सभी सूचनाएँ सत्य है।
स्थान
हस्ताक्षर
धन्यवाद
अथवा
(ख) आप जुबैर आलम / जोया मलिक हैं। हाल ही में आपने एक प्रतिष्ठित वेबसाइट से कुछ कपड़े मंगाए थे। उन कपड़ों में कई समस्याएँ हैं पर अब वह वेबसाइट उसे वापस नहीं ले रही । इस पूरी समस्या को स्पष्ट करते हुए उस वेबसाइट के उपभोक्ता संपर्क विभाग को लगभग 80 शब्दों में ईमेल लिखिए।
To: connect.agra@torrentpower.com
Cc: xyz1432@gmail.com
दिनांक: 27-03-20XX
विषय- आपकी वेबसाइट से कुछ कपड़े मगाए है जिसमें कई समस्याएँ के सन्दर्भ में ।
मैंने हाल ही में आपकी वेबसाइट से कुछ कपड़े मॅगाए थे लेकिन उनमें कुछ समस्याएँ हैं। उन्हें पहनते हुए मुझे उनकी फिटिंग में समस्या हो रही है और कुछ कपड़े भी इधर-उधर फटे हुए हैं। मुझे लगता है कि वे किसी गलत बॉक्स में भेजे गए थे। मैंने वेबसाइट से संपर्क किया था, लेकिन मेरी समस्या अभी तक हल नहीं हुई है। मुझे उम्मीद है कि आप जल्द से जल्द मेरी समस्या का समाधान करेंगे और मेरी सहायता करेंगे।
कई बार शिकायत करने के बाद भी आपके विभाग की ओर से कोई कदम नहीं उठाया गया है अत: मेरा आपसे निवेदन है कि आप इस समस्या का समाधान करने की कृपा करें।
जुबैर आलम / जोया मलिक
मोबाइल नंबर –5555826396
17. (क) जल संकट के प्रति जनता को जागरूक करने के लिए लगभग 60 शब्दों में एक जनहित विज्ञापन तैयार कीजिए । 1x4=4
बढ़ते जल संकट से बचाव हेतु हमें जल संरक्षण का संकल्प लेना होगा। बृद्धि करती जनसंख्या और अपर्याप्त वर्षा के कारण हमारे पास कम पानी है। आओ, हम सभी मिलकर जल संरक्षण के सामर्थ्य को बढ़ावा दें और जल संकट से निपटने के उपाय अपनाएं।
आइए, जल का मानवता के लिए महत्व जागरूक करें!"
अथवा
(ख) आप अनन्य देव / मीना मोहनी हैं और जल्द ही आपके पिताजी की लिखी हुई दसवीं किताब प्रकाशित होने वाली है। उन्हें बधाई और शुभकामना का एक संदेश 60 शब्दों में लिखिए ।
पिताजी, आपकी लिखी हुई दसर्वी किताब की प्रकाशन पर हार्दिक बधाई। यह आपके अद्वितीय ज्ञान और लेखन का परिणाम है, जो हमें गर्वान्वित करता है। आपकी सफलता का आभास हमे बहुत गर्व है। शुभकामनाएं!