Hindi sample paper solved 2022 DOE
अधिकतम अंक 80
सामान्य निर्देश शिक्षा निदेशालय , राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र , दिल्ली अभ्यास प्रश्न पत्र कक्षा 9 ( 2022-23 )
हिन्दी " अ " ( 002 )
अवधि : 3 घंटे
1- प्रश्न पत्र दो खंडों , खंड- ' अ ' और खंड- ' ब ' में विभक्त है ।
2- खंड- ' अ ' में कुल 49 वस्तुपरक प्रश्न पूछे गए हैं , दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए केवल 40 प्रश्नों के उत्तर दीजिए ।
3- खंड- ' ब ' में वर्णनात्मक प्रश्न पूछे गए हैं , प्रश्नों में उचित आंतरिक विकल्प दिए गए हैं ।
4- दोनों खंडों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है
5- यथासंभव प्रत्येक खंड के प्रश्नों के उत्तर क्रमशः दीजिए । ।
खंड अ ( अपठित अंश ) अंक - 10 1.
नीचे एक अपठित गद्यांश दिया गया हैं । गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखिए 1x5 = 5
स्वस्थ भोजन की आदतें जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण हैं । हम जानते हैं कि यह अरुचिपूर्ण हैं , लेकिन यह इस तथ्य को असत्य नहीं बनाता है । सौभाग्य से , हम पहले से अधिक अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत हैं । जिम , योग और नियमित व्यायाम अब हमारे जीवन का हिस्सा हैं , कम से कम हम में से बहुत से लोगों के लिए । जब हम खाने की अच्छी आदतों की बात करते हैं , तो कई बार हम भ्रमित हो जाते हैं । हम में से अधिकांश के लिए भोजन शरीर को चलाने के लिए ईंधन होने के अलावा एक आनंद है । शरीर को जितनी जरूरत है , उससे ज्यादा खाना असामान्य माना जाता है स्वस्थ खाने की आदतों का मतलब है कि आप अपने आहार में जंक फूड को हटाते समय अपने शरीर के लिए आवश्यक सभी पोषक तत्वों संतुलित तरीके से शामिल करें । हर पोषक तत्व आपके शरीर को सुचारू रूप से चलाने में मदद करने में एक भूमिका निभाता है । उदाहरण के लिए , वसा और कार्बोहाइड्रेट लें , जो ऊर्जा प्रदान करते हैं । प्रोटीन जो एक अच्छी प्रतिरक्षा प्रणाली और क्षतिग्रस्त ऊतकों के पुनर्निर्माण के लिए मुख्य हैं और विटामिन , जिनमें से कई आपके शरीर के विष - सुरक्षा के लिए उत्कृष्ट एंटीऑक्सिडेंट हैं । जब तक आप इन पोषक तत्वों को सही मात्रा में दैनिक रूप से नहीं लेते , तब तक आप अपने स्वास्थ्य के साथ न्याय नहीं कर सकते । स्वस्थ भोजन की आदतें शरीर को अच्छा प्रदर्शन करने और बीमारियों से दूर रहने में मदद करती हैं ।
( i ) शरीर को अच्छा प्रदर्शन करने और बीमारियों से दूर रहने में कौन मदद करती हैं ?
( क ) जंक फूड की आदतें
( ख ) स्वस्थ भोजन की आदतें
( ग ) बासी भोजन की आदतें
( घ ) अश्वास्थ भोजन की आदतें
( ii ) आप अपने स्वास्थ्य के साथ न्याय कैसे कर सकते है ?
( क ) पोषक तत्वों को नियमित लेकर
( ख ) पोषक तत्वों को न लेकर
( ग ) फास्ट फूड लेकर
( घ ) कच्ची भोज्य सामग्री खाकर
( iii ) हमारे शरीर को ऊर्जा कौन प्रदान करते हैं ?
( क ) वायु ।
( ख ) लवण
( ग ) वसा और कार्बोहाइड्रेट ।
( घ ) जल
( iv ) हमारे जीवन में संतुलन के लिए क्या आवश्यक है ?
( क ) वाहन ।
( ख ) सड़क ।
( ग ) सभी पोषक तत्वों का संतुलन ,
( घ ) घर ।
( v ) शरीर को चलाने के लिए ईंधन होने के अलावा एक आनंद क्या है ?
( क ) दौड़ना ।
( ख ) सोना ।
( ग ) घूमना ।
( घ ) भोजन
2. नीचे दो काव्यांश दिए गए हैं । किसी एक काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखिए 1x5
बार - बार आती है
मुझको मधुर याद बचपन तेरी ।
गया ले गया तू जीवन की
सबसे मस्त खुशी मेरी
चिंता - रहित खेलना - खाना
वह फिरना निर्भय स्वच्छंद
कैसे भूला जा सकता है
बचपन का अतुलित आनंद ?
ऊँच - नीच का ज्ञान नहीं था
छुआछूत किसने जानी ?
बनी हुई थी वहाँ झोंपड़ी
और चीथड़ों में रानी ।
किये दूध के कुल्ले
मैंने चूस अंगूठा सुधा पिया ।
किलकारी किल्लोल मचाकर
सूना घर आबाद किया ।
( i ) कवि ने किलकारी किल्लोल मचाकर क्या किया ?
( क ) खुद से ही संवाद किया ।
( ख ) असहयोग किया ,
( ग ) सहयोग किया । ।
( घ ) सूना घर आबाद किया ।
( ii ) कवि ने किससे कुल्ले किए ?
( क ) जल से । ( ख ) दूध से । ( ग ) तेल से ( घ ) छाछ से ।
( iii ) कविता में चीथड़ो में कौन थी ?
( क ) गुड़िया ( ख ) सहपाठी । ( ग ) रानी । ( घ ) सखी ।
( iv ) कवि को किस का ज्ञान नहीं था ?
( क ) ऊपर - नीचे । ( ख ) ऊंच - नीच ( ग ) अगल - बगल
( घ ) धूप - छांव ।
( v ) कवि को बार - बार मधुर याद किसकी आ रही है ?
( क ) मृत्यु की । ( ख ) मिलन की । ( ग ) जीवन की ( घ ) बचपन की ।
अथवा
यह मुरझाया हुआ फूल है
इसका हृदय दुखाना मत
स्वयं बिखरने वाली
इसकी पंखुड़ियाँ बिखराना मत ।
गुजरो अगर पास से
इसके इसे चोट पहुँचाना मत ।
जीवन की अंतिम घड़ियों में देखो ,
इसे रुलाना मत ।
अगर हो सके तो
ठंडी बूँदें टपका देना प्यारे !
जल न जाए संतप्त -
हृदय शीतलता ला देना प्यारे !!
( i ) हृदय को जलने से बचाने के लिए कभी किस की जरूरत बता रहा है ?
( क ) आर्द्रता । ( ख ) ऊष्णता ( ग ) पावनता । ( घ ) शीतलता ।
( ii ) कवि अंतिम घड़ियों में क्या करने से मना कर रहा है ?
( क ) उठाने से । ( ख ) गिराने से । ( ग ) हसने से । ( घ ) रुलाने से ।
( ii कवि कैसी बूंदे टपका ने की बात कर रहा है ?
( क ) गर्म । ( ख ) ठंडी । ( ग ) मीठी । ( घ ) गुनगुनी ।
( iv ) कवि किसे न बिखराने की बात कर रहा है ?
( क ) ओस । ( ख ) पानी । ( ग ) पंखुड़ियां ( घ ) फूल ।
( v ) कभी मुरझाया हुआ किसे कह रहा है ?
( क ) पौधों को । ( ख ) फूलों को । ( ग ) सूखी घास को ( घ ) हरी घास को ।
( व्यावहारिक व्याकरण )
3. निर्देशानुसार किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर लिखिए
( i ) " अपयश " शब्द में उपसर्ग है .
( क ) अप , ( ख ) अ ( ग ) अपम ( घ ) अपमा ।
उपसर्ग - अप
मूल शब्द - यश
बदनामी-अपयश
( ii ) " अधि " उपसर्ग वाला शब्द है
( क ) अधिकार , ( ख ) अधिक । ( ग ) अधीर । ( घ ) अधिक ।
उपसर्ग - अधि
मूल शब्द - कार
( iii ) " फुसफुसाहट " शब्द में प्रयुक्त प्रत्यय है
( क ) हट । ( ख ) सनाहट । ( ग ) आहट , ( घ ) सन ।
संज्ञा की रचना करने वाले कृत प्रत्यय –
कृत प्रत्यय उदाहरण –
न- बेलन, बंधन, नंदन, चंदन
ई -बोली, सोची, सुनी, हँसी
आ -झूला, भूला, खेला, मेला
अन- मोहन, रटन, पठन
आहट- चिकनाहट, घबराहट, चिल्लाहट
( iv ) " इत " प्रत्यय वाला शब्द है
( क ) प्रत्याशित । ( ख ) सामाजिक , ( ग ) सम्मानित । ( घ ) अबाधित ।
सम्मानित में से उपसर्ग और मूल शब्द इस प्रकार होंगे...
सम्मानित : सम् + मान + इत
सम् : उपसर्ग
मान : मूल शब्द
इत : प्रत्यय
प्रति (उपसर्ग) + आशा (मूल शब्द) + इत् (प्रत्यय)
( v ) " निराकरण " शब्द में मूल शब्द है
( क ) निर । ( ख ) पराध । ( ग ) राध । ( घ ) अपराध ,
निर् -निराकार, निरादर, नीरोग, नीरस, निरीह, निरक्षर
उपसर्ग- निर्
मूल शब्द- आकरण
4. निर्देशानुसार किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर लिखिए
( i ) " मानहीन " शब्द में समास होगा
( क ) द्विगु । ( ख ) द्वंद्व । ( ग ) तत्पुरुष ( घ ) कर्मधारय ।
समास विग्रह : धन से हीन
समास भेद : अपादान तत्पुरुष समास
तत्पुरुष समास किसे कहते है?
तत्पुरुष समास की परिभाषा: जिन शब्दों में उत्तर पद प्रधान होता है और प्रथम पद का गौण होता है। साथ ही साथ उत्तर पद की प्रधानता होती है, उन शब्दों को तत्पुरुष समास कहा जाता है।
इस प्रकार के शब्दों के माध्यम से समास करते वक्त बीच की विभक्ति का लोभ भी हो जाता है। तत्पुरुष समास के अंतर्गत आने वाले कुछ शब्द जैसे: को, से, के लिए, का इत्यादि।
चित्र को बनाने वाला – चित्रकार
मूर्ति को बनाने वाला – मूर्तिकार
तत्पुरुष समास को कारक चिन्ह के आधार पर विभाजित किया गया है। कारक चिन्ह के आधार पर तत्पुरुष समास को मुख्य रूप से छह भागों में विभाजित किया गया है।
- कर्म तत्पुरुष समास
- करण तत्पुरुष समास
- सम्प्रदान तत्पुरुष समास
- अपादान तत्पुरुष समास
- सम्बन्ध तत्पुरुष समास
- अधिकरण तत्पुरुष समास
( ii ) " पीताम्बर " समस्त पद का सही विग्रह होगा
( क ) नीला नभ । ( ख ) पीला है जो अंबर , ( ग ) नीलाकाश ( घ ) नीलगगन ।
पीत है अम्बर जिसका अर्थात् 'कृष्ण
बहुव्रीहि समास वह समास होता है जिसमें दोनों पद में कोई पद प्रधान नहीं होता है। तथा दोनों पद मिलकर किसी तीसरे पद की ओर संकेत करते हैं, उसे बहुव्रीहि समास कहते हैं। बहुव्रीहि समास में दोनों पद अप्रधान होते हैं। इसमें दोनों पद किसी संज्ञा के विशेषण होते हैं।
( iii ) " चार पायों का समाहार " का समस्त पद होगा
( क ) चार शहर ( ख ) चार प्रहार । ( ग ) चार पहरे । ( घ ) चारपाई
बहुव्रीहि समास वह समास होता है जिसमें दोनों पद में कोई पद प्रधान नहीं होता है। तथा दोनों पद मिलकर किसी तीसरे पद की ओर संकेत करते हैं, उसे बहुव्रीहि समास कहते हैं। बहुव्रीहि समास में दोनों पद अप्रधान होते हैं। इसमें दोनों पद किसी संज्ञा के विशेषण होते हैं।
( iv ) " द्वंद्व समास " का सही उदाहरण है
( क ) सही - गलत , ( ख ) सही । ( ग ) गलत । ( घ ) समान ।
समास का वह रूप जिसमें प्रथम और द्वितीय दोनों पद प्रधान होते हैं उसे द्वन्द्व समास कहते हैं। जैसे: आजकल (आज और कल), अच्छा-बुरा (अच्छा या बुरा, अच्छा और बुरा), आगा-पीछा, नीचे-ऊपर, दूध-रोटी इत्यादि। पदों के अर्थ की प्रधानता के आधार पर द्वन्द्व में दोनों पद प्रधान होते
( v ) " दस है आनन जिसके ( रावण ) " यह समास विग्रह किस समास का उदाहरण है
( क ) अव्ययीभाव । ( ख ) द्विगु । ( ग ) तत्पुरुष । ( घ ) बहुब्रीहि ,
दशानन' शब्द में बहुव्रीहि समास है। '
बहुव्रीहि समास वह समास होता है जिसमें दोनों पद में कोई पद प्रधान नहीं होता है। तथा दोनों पद मिलकर किसी तीसरे पद की ओर संकेत करते हैं, उसे बहुव्रीहि समास कहते हैं। बहुव्रीहि समास में दोनों पद अप्रधान होते हैं। इसमें दोनों पद किसी संज्ञा के विशेषण होते
5. निर्देशानुसार किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर लिखिए
( i ) " सरिता बाजार नहीं जाती है " अर्थ की दृष्टि से वाक्य होगा
( क ) विधानवाचक । ( ख ) निषेधवाचक , ( ग ) प्रश्नवाचक । ( घ ) आज्ञावाचक ।
निषेधवाचक वाक्य
जिन वाक्यों से कार्य न होने का भाव प्रकट होता है, उन्हें निषेधवाचक वाक्य कहते हैं।
१) मैं आज खाना नहीं खाऊंगा।
२) वह आज स्कुल नहीं जायेगा।
३) रोहन मेरे साथ नहीं चलोगे।
( ii ) " काश ! रचना पुस्तक पढ़ती " अर्थ की दृष्टि से वाक्य होगा
( क ) इच्छावाचक , ( ख ) संदेहवाचक । ( ग ) विस्मय वाचक । ( घ ) आज्ञावाचक ।
वह वाक्य जिससे किसी प्रकार की गहरी अनुभूति का प्रदर्शन किया जाता है, वह विस्मयादिबोधक वाक्य कहलाता हैं। वह वाक्य जिससे किसी प्रकार की अनुभूति जैसे आश्चर्य, शोक, घृणा, अत्यधिक ख़ुशी, स्तब्धता जैसे भावों का बोध हो , वह विस्मयादिबोधक वाक्य कहलाता हैं।
इच्छावाचक वाक्य
जिन वाक्यों में किसी चाह, जरुरत, इच्छा, आकांक्षा, कामना या आशीर्वाद का बोध होता है, उन्हें इच्छावाचक वाक्य कहते हैं।
( iii ) प्रश्नवाचक वाक्य का सही उदाहरण होगा
( क ) अनु घूमने गया ।
( ख ) अनु घूमने नहीं गया ।
( ग ) क्या अनु घूमने गया ?
( घ ) काश ! अनु घूमने जाता ।
( iv ) " मैं विद्यालय गया था " वाक्य का प्रश्नवाचक वाक्य में सही रूपांतरण होगा
( क ) काश ! मैं विद्यालय जाता ।
( ख ) मैं विद्यालय नहीं गया था ।
( ग ) मैं विद्यालय क्यों गया था ?,
( घ ) मैं विद्यालय जाऊंगा ।
( v ) आज्ञावाचक वाक्य का सही उदाहरण होगा -
( क ) आप यहां से चले जाइए ।
( ख ) क्या आप जाना चाहते हैं ?
( ग ) आप क्यों जाना चाहते हैं ?
( घ ) आप कहां जाना चाहते हैं ?
वह वाक्य जिसके द्वारा किसी प्रकार की आज्ञा दी जाती है या प्रार्थना की जाती है, वह विधिसूचक वाक्य कहलाता है।
6. निर्देशानुसार किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर लिखिए
( i ) निम्नलिखित पंक्तियों में से रूपक अलंकार पहचानिए
( क ) काली घटा का घमंड घटा ।
( ख ) शुभम को ढूंढ फिरत , कवि व्यभिचारी चोर ।
( ग ) नभ में चमचम चपला चमकी ,
( घ ) आए महंत वसंत ।
अलंकार : यमक अलंकार
कारण : जब वाक्य या कविता में एक ही शब्द दो या दो से अधिक बार आए और उसका अर्थ हर बार भिन्न हो वहाँ यमक अलंकार होता है।
सुबरन को खोजत फिरत, कवि, व्यभिचारी, चोर।।
इस दोहे में सुबरन शब्द के तीन अर्थ है।
कवि 'सुबरन' अर्थात् अच्छे शब्द, व्यभिचारी 'सुबरन' अर्थात् अच्छा रूप-रंग और चोर भी 'सुबरन' अर्थात् स्वर्ण ढूंढ रहा है।
अतः यहाँ पर श्लेष अलंकार है।
नभ पर चमचम चपला चमकी में अनुप्रास अलंकार है। जहां किसी पंक्ति के शब्दों में एक ही वर्ण एक से अधिक बार आता है, वहां अनुप्रास अलंकार होता है। सरल शब्दों में कहे तो वर्णों की आवृत्ति को अनुप्रास कहते हैं। आवृत्ति का अर्थ है, दुहराना।
आए महंत-बसंत में रूपक अलंकार है। इस काव्य पंक्ति में बसंत उपमेय पर उपमान महंत का आरोप है इसलिए रुपक अलंकार है। बसंत को महंत मान लिया गया है। दूसरे शब्दों में कहें तो बसंत का स्वागत ऐसे हो रहा है जैसे वह कोई महंत हो।
( ii ) यमक अलंकार का सही उदाहरण है
( क ) पाहुन ज्यों आए हो गांव में शहर के । ,
( ख ) देख लो साकेत नगरी है यहां ।
( ग ) सत्य सील दृढ़ ध्वजा पताका ।
( घ ) मनका मनका फेर ।
स्पष्टीकरण: 'मन का मनका फेर' में यमक अलंकार प्रकट हो रहा है। यमक अलंकार की परिभाषा के अनुसार जब किसी काव्य में किसी शब्द की एक से अधिक बार आवृत्ति हो, लेकिन दोनों बार उस शब्द का अलग अर्थ हो तो वहां पर यमक अलंकार होता है
( iii ) निम्नलिखित मैं उपमा अलंकार होगा
( क ) फूलों के आस पास रहते हैं । फिर भी कांटे उदास रहते हैं ।
( ख ) पीपर पात सरिस मन डोला ।
( ग ) मैया मैं तो चंद्र खिलौना लैहों ,
( घ ) मेघ आए बड़े बनठन के संवर के ।
जब किन्ही दो वस्तुओं के गुण, आकृति, स्वभाव आदि में समानता दिखाई जाए या दो भिन्न वस्तुओं कि तुलना कि जाए, तब वहां उपमा अलंकर होता है।
उपमा अलंकार में एक वस्तु या प्राणी कि तुलना दूसरी प्रसिद्ध वस्तु के साथ कि जाती है।
मैया मैं तो चंद्र खिलौना लैहों ,
मैया मैं तो चंद्र खिलौना लैहों।उपरोक्त पंक्ति में खिलौने को चाँद का रूप बताया गया है, अत: रूपक अलंकार है।जब गुण की अत्यंत समानता के कारण उपमेय को ही उपमान बता दिया जाए यानी उपमेय ओर उपमान में अभिन्नता दर्शायी जाए तब वह रूपक अलंकार कहलाता है।
पीपर पात सरिस मन डोला। ' पंक्तियों में उपमा अलंकार है। यहां मन उपमेय, पीपर पात उपमान, सरिस वाचक पद एवं डोला साधारण धर्म है।
( iv ) अनुप्रास अलंकार का सही उदाहरण है
( क ) कुटिल , कुचाल , कुकर्म छोड़ दें ।
( ख ) नाथ सकल सुख साथ तुम्हारे ।
( ग ) बरसत बारिद बूंद
( घ ) तीन बेर खाती थी वे तीन बेर खाती है ,
( v ) जहां एक शब्द के एक से अधिक आवृत्ति हो वहां कौन सा अलंकार होगा
( क ) यमक ।
( ख ) श्लेश ।
( ग ) उपमा ।
( घ ) अनुप्रास
( पाठ्य पुस्तक ) अंक -14 1x5 = 5 7.
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखिए
गाँव के इतिहास में यह घटना अभूतपूर्व न होने पर भी महत्वपूर्ण थी । बाल - सभा ने निश्चय किया , दोनों पशु वीरों को अभिनंदन पत्र देना चाहिए । कोई अपने घर से रोटियाँ लाया , कोई गुड , कोई चोकर कोई भूसी । दोनों मित्रों का जीवन में पहली बार ऐसा साबिका पड़ा कि सारा दिन बीत जाने पर भी उन्हें खाने के लिए एक तिनका भी न मिला था । उन्हें समझ ही नहीं आता था कि यह कैसा स्वामी है , इससे तो गया ही अच्छा था । कम से कम रुखा - सूखा तो देता ही था । यहाँ कई भैसें थीं , कई बकरियों , कई घोड़े , कई गधे पर किसी के सामने चारा न था । सभी जमीन पर मुर्दों की तरह पड़े थे । इनमें कई तो इतने कमजोर हो थे कि खड़े भी नहीं हो सकते थे । सारा दिन दोनों मित्र फाटक पर टकटकी लगाए ताकते रहे पर कोई चारा लेकर नहीं आया ।
( i ) जानवर वहां पर खड़े क्यों नहीं हो पा रहे थे ?
( क ) कमजोर होने के कारण ।
( ख ) परेशान होने के कारण ।
( ग ) असहाय होने के कारण ।
( घ ) मजबूत होने के कारण ।
( ii ) सभी पशु जमीन पर किसकी तरह पड़े थे ?
( क ) बीमारों की तरह ।